भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहाँ की नहरें जलसंचय और सिंचाई के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करती हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी-बड़ी नहरें हैं जो नदियों से पानी लेकर खेतों तक पहुँचाती हैं। ये नहरें न केवल सिंचाई की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, बल्कि क्षेत्रीय जल प्रबंधन और कृषि विकास में भी इनका अहम योगदान है। ये नदियाँ नहीं हैं, बल्कि मानव निर्मित जलमार्ग हैं जो नदियों के पानी को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाते हैं, खेतों को सींचते हैं और कई जगह तो नौवहन में भी मदद करते हैं। ये नहरें लाखों लोगों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। इस लेख में हम भारत की 10 सबसे महत्वपूर्ण नहरों के बारे में जानेंगे।
भारत की प्रमुख नहरें (Major canals of India)
1. इंदिरा गांधी नहर (Indira Gandhi Canal) – राजस्थान
भारत की सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण नहरों में से एक इंदिरा गांधी नहर है, जो राजस्थान में स्थित है। जिसकी कुल लंबाई लगभग 650 किलोमीटर है। यह सतलुज और ब्यास नदियों के संगम से पानी प्राप्त करती है और राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे इस क्षेत्र की कृषि में क्रांति आई है।
2. उपरी गंगा नहर (Upper Ganga Canal) – उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में स्थित ऊपरी गंगा नहर हरिद्वार के पास गंगा नदी से निकलती है और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्सों में सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति करती है। यह ब्रिटिश काल की एक पुरानी और महत्वपूर्ण नहर प्रणाली है।
यह नहर गंगा नदी से पानी लेकर हरिद्वार से कानपुर तक पहुँचती है। इसे अंग्रेजों द्वारा 1854 में बनवाया गया था और यह आज भी पूर्वी उत्तर प्रदेश की सिंचाई का प्रमुख स्रोत है।
3. भीमगौड़ा नहर (Bhim Goda Canal) – उत्तराखंड
भीमगौड़ा नहर उत्तराखंड राज्य के पवित्र नगर हरिद्वार में स्थित है। यह नहर गंगा नदी से निकाली गई एक प्रमुख सिंचाई नहर है, जिसकी शुरुआत भीमगौड़ा बैराज से होती है। बैराज और नहर दोनों ही हरिद्वार शहर के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं।
यह नहर हरिद्वार के पास भीमगौड़ा बैराज से निकलती है और उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जल आपूर्ति करती है। इसका उपयोग सिंचाई के साथ-साथ बिजली उत्पादन के लिए भी किया जाता है।
4. शारदा नहर (Sharda Canal) – उत्तर प्रदेश
शारदा नहर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में से एक है, जो उत्तर भारत की उपजाऊ भूमि को सिंचित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह नहर शारदा नदी (महाकाली नदी) से निकलती है, जो नेपाल और उत्तराखंड से निकलकर भारत में प्रवेश करती है।
शारदा नहर की शुरुआत उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के निकट स्थित पानीपत के पास होती है, और यह नहर कई जिलों में फैलती हुई खेती के लिए जल प्रदान करती है। यह भारत की सबसे लंबी भूमिगत नहर प्रणालियों में से एक है।
5. सोन नहर प्रणाली (Sone Canal System) – बिहार
सोन नहर प्रणाली भारत के बिहार राज्य में स्थित एक प्रमुख सिंचाई नेटवर्क है, जो सोन नदी से पानी लेकर आसपास के कृषि क्षेत्रों को सिंचित करती है। सोन नदी गंगा की एक मुख्य सहायक नदी है और यह हिमालय से निकलकर बिहार के पठारी इलाके से होकर गुजरती है।
सोन नहर प्रणाली बिहार की कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसे बिहार की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में से एक माना जाता है। यह प्रणाली बिहार के रोहतास, भोजपुर, और औरंगाबाद जिलों में खेती के लिए बहुत उपयोगी है।
6. तूंगा भद्रा नहर (Tungabhadra Canal) – कर्नाटक और आंध्र प्रदेश
तूंगा भद्रा नहर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में फैली एक प्रमुख सिंचाई प्रणाली है, जो तूंगा भद्रा नदी से जल लेती है। यह नदी दो नदियों, तूंगा और भद्रा, के संगम से बनती है और कृष्णा नदी की एक सहायक नदी है।
तूंगा भद्रा बांध, जो कर्नाटक के हम्पी के पास स्थित है, से नहर निकाली जाती है। यह नहर दोनों राज्यों के कई जिलों में फैली हुई है और क्षेत्र की कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। तूंगा भद्रा डैम से निकली यह नहर दक्षिण भारत में हजारों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है और विशेष रूप से धान की खेती के लिए महत्त्वपूर्ण है।
7. नर्मदा मुख्य नहर (Narmada Main Canal) – गुजरात
नर्मदा मुख्य नहर गुजरात राज्य की एक प्रमुख सिंचाई परियोजना है, जो नर्मदा नदी से जल लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में कृषि और पेयजल की सुविधा प्रदान करती है। नर्मदा नदी मध्य भारत की एक महत्वपूर्ण नदी है, और इस नदी पर बने सतपुड़ा बांध (सागर बांध) से नहर प्रणाली की शुरुआत होती है।
यह नहर गुजरात के सूखे और अर्धशुष्क क्षेत्रों में जल वितरण का आधार है, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार और जीवनस्तर में वृद्धि हुई है। नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर डैम इस नहर को पानी देता है। यह नहर गुजरात और राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में कृषि के लिए वरदान मानी जाती है।
8. गोदावरी नहर प्रणाली (Godavari Canal System) – आंध्र प्रदेश
गोदावरी नहर प्रणाली आंध्र प्रदेश की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जो भारत की प्रमुख नदियों में से एक, गोदावरी नदी से जल लेकर क्षेत्र की कृषि भूमि को सिंचित करती है। गोदावरी नदी भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लंबी नदियों में से एक है और आंध्र प्रदेश के कई जिलों से होकर गुजरती है।
यह नहर प्रणाली नदी के जल संसाधनों का प्रभावी उपयोग करते हुए क्षेत्र की कृषि विकास को प्रोत्साहित करती है। गोदावरी नदी से निकाली गई इस नहर प्रणाली का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई और जल आपूर्ति करना है। यह राज्य की कृषि को समृद्ध बनाती है।
9. एम.एम.आर. नहर (Mahatma Gandhi Main Canal) – राजस्थान
एम.एम.आर. नहर, जिसे महात्मा गांधी मेन नहर भी कहा जाता है, राजस्थान की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। यह नहर सिंध नदी से जल लेकर राज्य के अति शुष्क और रेगिस्तानी इलाकों को सिंचित करती है।
इस नहर का निर्माण राजस्थान के कृषि विकास और जल संरक्षण के उद्देश्य से किया गया था, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र कृषि योग्य और उपजाऊ बन सके। इसे पहले राजस्थान नहर कहा जाता था, और यह इंदिरा गांधी नहर प्रणाली का ही हिस्सा है। यह थार मरुस्थल में हरियाली लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
10. कृष्णा डेल्टा नहर प्रणाली (Krishna Delta Canal System) – आंध्र प्रदेश
कृष्णा डेल्टा नहर प्रणाली आंध्र प्रदेश राज्य की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जो कृष्णा नदी के डेल्टा क्षेत्र को जल प्रदान करती है। कृष्णा नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है, और इसका डेल्टा क्षेत्र विशेष रूप से कृषि के लिए उपजाऊ माना जाता है।
यह नहर प्रणाली मुख्यतः आंध्र प्रदेश के पूर्वी तटीय जिलों जैसे विजयवाड़ा, गुंटूर, पूर्व गोदावरी, पश्चिम गोदावरी और नल्लेघाट तक फैली हुई है। यह प्रणाली कृष्णा नदी से पानी लेकर आंध्र प्रदेश के डेल्टा क्षेत्रों में सिंचाई का मुख्य साधन है। इसका जल प्रबंधन मॉडल देश के अन्य हिस्सों के लिए भी उदाहरण है।
📚 Reference Books
- लुसेंट सामान्य ज्ञान – डॉ. बिनय कर्ण एवं मनवेन्द्र मुकुल
- एरिहंत सामान्य ज्ञान 2025 – एरिहंत विशेषज्ञ
- मनोरमा ईयरबुक (हिंदी संस्करण) – मलयाला मनोरमा
- भारत 2025 – प्रकाशन विभाग, भारत सरकार
- भारतीय संविधान का परिचय – लक्ष्मीकांत
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